उम्मीदों की दुनियां

हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे;
वो भी पल पल हमें आजमाते रहे;
जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया;
हम मर गए और वो मुस्कुराते रहे।

सब कुछ मिला

सब कुछ मिला सुकून की दौलत न मिली;
एक तुझको भूल जाने की मोहलत न मिली;
करने को बहुत काम थे अपने लिए मगर;
हमको तेरे ख्याल से कभी फुर्सत न मिली।

हुआ जब इश्क़

हुआ जब इश्क़ का एहसास उन्हें;
आकर वो पास हमारे सारा दिन रोते रहे;
हम भी निकले खुदगर्ज़ इतने यारो कि;
ओढ़ कर कफ़न, आँखें बंद करके सोते रहे।

हर वक़्त तेरे आने की

हर वक़्त तेरे आने की आस रहती है!
हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है!
सब कुछ है यहाँ बस तू नही!
इसलिए शायद ये जिंदगी उदास रहती है!

वो तब भी थी

वो तब भी थी, अब भी है और हमेशा ही रहेगी
ये मोहब्बत है जनाब
कोई तालीम नहीं जो पूरी हो जाएंगी|