Tum the to waqt kahin thaherta nhi tha…
Ab waqt guzarne main bhi waqt lagata hain…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
Tum the to waqt kahin thaherta nhi tha…
Ab waqt guzarne main bhi waqt lagata hain…
शोहरत अच्छी होती है,
गुरूर अच्छा नहीं होता..
अपनों से बेरुखी सेे पेश आना,
हुज़ूर अच्छा नहीं होता !!
खुबसूरत हो लेकिन प्यार का अंदाज़ नहीं….
यही कमी हैं तुझमें के तेरा कोई हमराज नहीं
मैं दिया हूँ ….
दुश्मनी तो सिर्फ़ अँधेरे से है मेरी ….
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ़ है …!!
बहुत कुछ बदला हैं मैने अपने आप में,
लेकिन, तुम्हें वो टूट कर चाहने की आदत अब तक नहीं बदली..
मेरी तबाहियों में तेरा हाथ है मगर…
मैं सबसे कह रहा हूँ मुक़द्दर की बात है..
चर्चा है नुक्कड़ ,गली,अखबारो में..!
वो खुद को बदल रहे हैं इश्तिहारों में…!!
मुक्कमल सी लगती है
.
मेरी शायरी,
लफ्ज़ जब सारे मेरे होते हैं,
.
और ज़िक्र तेरा…!!
Tum aaj mujhe gair samajhte ho to koi baat nahi
jab matlabi logo se miloge tab yaad mujhe hi karoge
उम्र के साथ सबक नए मिलते गए.
कुछ रूठ गये हमसे,
कुछ को हम खोते गए..!!