मैं वो दरिया हूं जिसकी हर बूंद भंवर है
तुमने अच्छा ही किया किनारा करके
Category: प्यारी शायरी
मुझे ही नहीं
मुझे ही नहीं रहा शौक़ -ए मोहब्बत वरना,
तेरे शहर की खिड़कियाँ इशारे अब भी करती हैं…
में तो उसको देखकर
में तो उसको देखकर एक नज़र में ही फ़ना हो गया,
न जाने रोज उसके आयने का क्या हाल होता होगा।।
खुदगर्जी होती है
किसी को पाने के लिए अपनों को छोड़ना
खुदगर्जी होती है मोहब्बत नहीं….
ग़रीबी देख कर
ग़रीबी देख कर घर की , वो बच्चे ज़िद
नही करते
वरना उम्र बच्चो की बड़ी शौकीन
होती है
अजब तमाशे है
अजब तमाशे है दुनिया में यारों,
कौडिया में इज्जत और करोड़ों में कपड़े बिकते हैं.
उनकी भी अदाएं
उनकी भी अदाएं बेमिसाल है मुसाफिर
बोलते है तो सवाल करते है
और चुप रहे तो वजह पूछ लेते है ।
हवा से कह दो
हवा से कह दो खुद को आज़मा के दिखाये,
बहुत चिराग बुझाती है एक जला के दिखाये!!
शर्मिंदा करते हो
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर , हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा है..
कोई दिल में
कोई दिल में जगह क्या देगा , पैरों से रोंद देगा ,
अच्छा नहीं होता यारों बहुत अच्छा होना भी …!!!!