मेरी याद कयामत की तरह है..
याद रखना..आएगी जरूर..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मेरी याद कयामत की तरह है..
याद रखना..आएगी जरूर..
सूखने लगी है….स्याही शायद,ज़ख़्मों की दवात में…
वरना वो भी दिन थे,दर्द रिसता था धीरे-धीरे !
चित्रकार तुझे उस्ताद मानूँ!,
दर्द भी खींच मेरी तस्वीर के साथ..
सुनो मैं बहुत खुश हूँ..
कैसा लगा मेरा झूठ आपको…
दुसरो की छांव में खड़े रहकर,
हम अपनी परछाई खो देते है,
खुद की परछाई के लिये तो,
हमे धूप में खड़ा होना पड़ता है..
सन्नाटे में बैठी है दुपहरी….
धूप के किस्से किसी ने सुने ही नही|
जिन्हें अपनी गाड़ियां छांव में लगाने का शोक है,
उन्हें पेड़ पौधे लगाने का भी शौक होना चाहिए।
कागज़ों पे लिख कर ज़ाया कर दूं मै वो शख़्स नही
वो शायर हुँ जिसे दिलों पे लिखने का हुनर आता है|
इक तरफ़ा इश्क़ का अपना ही है मज़ा
अपना ही गुनाह है अपनी ही सज़ा|
उसका चेहरा जो मेरी आँखों में आबाद हो गया
मैने उसे इतना पढ़ा कि मुझे याद हो गया |