ख्वाब बोये थे, और अकेलापन काटा है,
इस मोहब्बत में ,
“यारों” बहुत घाटा है..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ख्वाब बोये थे, और अकेलापन काटा है,
इस मोहब्बत में ,
“यारों” बहुत घाटा है..
इतनी शिद्दत से जीना है तेरे संग…,
कि कभी बिछड़ भी जाऊं….तो मौत का मलाल ना रहे।
ज़िन्दगी देने वाले यूँ मरता छोड़ गए,
अपनापन जताने वाले यूँ तनहा छोड़ गए,
जब पड़ी जरुरत हमें अपने हमसफ़र की,
तो साथ चलने वाले अपना रास्ता मोड़ गए।
आवारगी के शौक में अब ये भी याद नहीं
कि किस मोङ पर खुद को छोङ आया हूँ…!!!
पहली मोहब्बत हमेशा ग़लत इंसान से होती है,
और दूसरी मोहब्बत हमेशा सही इंसान से ग़लत वक़्त पर हो जाती है ।।
काश तुम समझ सको कभी हालात मेरे..
.एक खालीपन है जो तेरे बिना भरता ही नहीं…..
मिट्टी की पकड़ बहुत मज़बूत होती है,
संगे मरमर पर तो पाँव ही फिसला करते है..!!
शिकवे तो यूँ करते हो मुझसे जैसे सिर्फ मेरे हो !
आईना साफ किया तो “मैं” नजर आया।
“मैं” को साफ किया तो “तू” नजर आया।।
पानी से तसवीर कहां बनती है ख्वाबों से तकदीर कहां बनती है
किसी से प्यार करो तो सच्चे दिल से
क्य़ॊंकि यह जिंदगी फिर कहां मिलती है …!