ज़रूरतों ने उनकी, कोई और ठिकाना ढूंढ लिया शायद,
एक अरसा हो गया, मुझे हिचकी नहीं आई|
Category: प्यारी शायरी
वक़्त बेनूर को
वक़्त बेनूर को नूर बना देता है,
वक़्त फकिर को हुजूर बना देता है,
वक़्त की कदर करो ऐ दोस्तो,
क्योंकि
वक़्त कोयले को भी कोहिनुर बना देता हैं ।
मिठास रिश्तों में
मिठास रिश्तों में बढ़ाएं तो कोई बात बने…
मिठाईयां तो हर साल मीठी ही बनती है…
आज मेरे किरदार मे…
चन्द खोटे सिक्के जो खुद कभी चले नही बाजार मे…
वो भी कमिया खोज रहे है आज मेरे किरदार मे…
दीवाने होना चाहते हैं
सब इक चराग़ के परवाने होना चाहते हैं…
अजीब लोग हैं दीवाने होना चाहते हैं|
छोटा मत समझना
एकबात याद रखना कभी किसी को छोटा मत समझना।
गरीब तो रोज ही
गरीब तो रोज ही कल की चिंता में सोता है !
आज अमीरो की बारी है !
छोड़ दिया सबको
छोड़ दिया सबको बिना वजह तंग करना,
जब कोई अपना समझता ही नहीं तो उसे अपनी याद क्या दिलाना !!
कब लोगों ने
कब लोगों ने अल्फ़ाज़ के पत्थर नहीं फेंके
वो ख़त भी मगर मैंने जला कर नहीं फेंके
ठहरे हुए पानी ने इशारा तो किया था
कुछ सोच के खुद मैंने ही पत्थर नहीं फेंके
इक तंज़ है कलियों का तबस्सुम भी मगर क्यों
मैंने तो कभी फूल मसल कर नहीं फेंके
वैसे तो इरादा नहीं तौबा शिकनी का
लेकिन अभी टूटे हुए साग़र नहीं फेंके
क्या बात है उसने मेरी तस्वीर के टुकड़े
घर में ही छुपा रक्खे हैं बाहर नहीं फेंके
दरवाज़ों के शीशे न बदलवाइए नज़मी
लोगों ने अभी हाथ से पत्थर नहीं फेंके|
एक नया दर्द
एक नया दर्द एक नया दाग़ मेरे सीने में छोड़ देती है…
रातें अक्सर मेरे कमरे की दहलीज़ पर ही दम तोड़ देती है|