एहसान ये रहा मुझ पर तोह़मत लगाने वालों का
उठती उँगलियों ने मुझे मशहूर कर दिया!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
एहसान ये रहा मुझ पर तोह़मत लगाने वालों का
उठती उँगलियों ने मुझे मशहूर कर दिया!!
क्यों बताये किसी को हाले दिल अपना,
जो तूने बनाया वही हाल है अपना ।।
उफ्फ तेरा अक्सर यूँ भूल जाना मुझको
अगर दिल ना दिया होता तो तेरी जान ले लेते…!!
वो तेरी गली का तसव्वुर वो नज़र नज़र पर पहरे…
वो मेरा किसी बहाने तुझे देखते गुज़रना…!
बड़ी चुगलखोर हैं खामोशियाँ तुम्हारी
सब बता देती हैं जब तुम खामोश होते हो !!
आज मुझसे पूछा किसी ने कयामत का मतलब ,
और मैंने घबरा के कह दिया रूठ जाना तेरा !!
फिर छीन रखे हैं होश हवास यादों ने उनकी
यहीं हाल रहा तो इक दिन फ़ना हो जायेंगें हम|
शक से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते..
कसूर हर बार गल्तियों का नही होता|
दिल तोड़ के जाने वाले सुन !
दो और भी रिश्तें बाक़ी हैं|
एक सांस की डोरी अटकी है
एक प्रेम का बंधन बाक़ी है
आज ख्वाब में आना जरूर,
सिर्फ तुमसे मिलने के
लिए रोज सोता हूँ|