चाँद ने चाँदनी को

चाँद ने चाँदनी को याद किया;
प्यार ने अपने प्यार को याद किया;
हमारे पास न चाँद है न चाँदनी;
इसलिए हमने अपने प्यारे दोस्त को याद किया।

भूलना चाहो तो

भूलना चाहो तो भी याद हमारी आएगी,
दिल की गहराई मे हमारी तस्वीर बस जाएगी.
ढूढ़ने चले हो हमसे बेहतर दोस्त,
तलाश हमसे शुरू होकर हम पे ही ख़त्म हो जाएगी|

दिन हुआ है

दिन हुआ है तो रात भी होगी,
हो मत उदास, कभी बात भी होगी,
इतने प्यार से दोस्ती की है,
जिन्दगी रही तो मुलाकात भी होगी..

लफ्ज ही ऐसी चीज़ है

लफ्ज ही ऐसी चीज़ है
जिसकी वजह सेइंसान
या तो दिल में उतर जाता
है या दिल से उतर जाता है

ज़िन्दगी के इस कश्मकश
मे वैसे तो मैं भी काफ़ी बिजी हुँ
लेकिन वक़्त का बहाना बना
कर अपनों को भूल जाना मुझे
आज भी नहीं आता !

जहाँ दोस्त याद न आए वो
तन्हाई किस काम की
बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई
किस काम की बेशक अपनी
मंज़िल तक जाना है

पर जहाँ से अपना दोस्त ना
दिखे वो ऊंचाई किस काम की …….

उसने माँगी थी

उसने माँगी थी मुझसे जरा सी दुआ,साथ मैंने ही उसके खुदा कर दिया..!!
एक खुदगर्ज़ “ग़ज़ल”

नाम जिसको दिया अपनी पहचान दी,
उसने मुझको ही सबसे जुदा कर दिया..!
उम्रभर साथ चलने का वादा किया,छोड़ तनहा मुझे अलविदा कर दिया..!!

एक मंज़िल से भटका मुसाफिर था वो,
रास्ते में मिला हमसफ़र बन गया,
उसने माँगी थी मुझसे जरा सी दुआ,साथ मैंने ही उसके खुदा कर दिया..!!

रिश्ते-नाते निभाए ज़माना हुआ,
अब तो जज़्बात से खेलते हैं सभी,
पहले उसने मुझे खुद से बेखुद किया,चूकते ही नज़र गुमशुदा कर दिया..!!

मैं खतावार उसको नहीं मानता,
फ़र्ज़ दोनों ने अपना है पूरा किया,
कर वफ़ा मुझको हांसिल जुदाई हुई,उसने हक़ बेवफा का अदा कर दिया..!!

होगी तकलीफ थोड़ी तो सह लूंगा मैं,
गुज़री यादों के साये में रह लूंगा मैं,
दोस्तों,कैसे दूँ अब उसे बददुआ,जिसपे “वीरान” दिल था फ़िदा कर दिया..!!