दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको,
हम तो दोस्तों के रुठ जानेसे डरते है…
Category: दोस्ती शायरी
दुश्मन के सितम
दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको,
हम तो दोस्तों के रुठ जानेसे डरते है..
मुस्कुराहट के पीछे
ए दोस्त….
उदास होने के लिए उम्र पड़ी है…..
नज़र उठाओ सामने ज़िंदगी खड़ी है….
अपनी हँसी को होंटो से न जाने देना….
क्योंकि आपकी मुस्कुराहट के पीछे दुनिया पड़ी है….
माना के प्यार
माना के प्यार ख़रीदा नहीं जाता दोस्तों, लेकिन उसकी कीमत जरुर चुकानी पड़ती है.
Dosto ज़िंदगी में
Dosto ज़िंदगी में बिछड़ गए अगर इतेफ़ाक़ से__
तो हमें देखके नज़रें ना चुरा लेना!
कहीं देखा है आपको शायद__
बस यही कह के हाथ मिला
इतने क़रीब ना था
मेरे घर से मयखाना इतने क़रीब ना था…!!!
दोस्तों…
कुछ लोग दूर होते गये और वो पास आ गया…!!!
आइना है ये जिंदगी
आइना है ये जिंदगी मेरे दोस्त !
तू मुस्कुरा जिंदगी भी मुस्कुरा देगी|
बादशाह तब बनुगाँ
शायरी का बादशाह तब बनुगाँ मैं जिसके लिए
लिखता हुँ वो शक्स खुद आकर कहे:-
” वा शायर बापु गजब”
मरने के बाद भी
लड़कियों से क्या दोस्ती करना ,
जो पल भर में छोड़ जाती है ,
दोस्ती करनी है तो लड़को से करो ,
जो मरने के बाद भी कंधे पे ले जाते है |
यादों का किस्सा
मै यादों का किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से.
मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
वो पल भर की नाराजगियाँ,
और मान भी जाना पलभर में,
अब खुद से भी रूठूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं……….