वो शख़्स जो

वो शख़्स जो आज मुहब्बत के नाम से बौखला गया….

किसी जमाने में एक मशहूर आशिक़ हुआ करता था….

ना किया कर

ना किया कर अपने दर्द को शायरी में बयान ऐ दिल…..
कुछ लोग टूट जाते हैं इसे अपनी दास्तान समझकर…….

हर लम्हे को कैद हैं

हर लम्हे को कैद हैं इन आँखों में
ये रात की ख़ामोशी में दिखाई देते हैं
लेकिन ये सूरज की किरणें हमें
आने वाले पल का संकेत देती हैं
खुली बाहों से इनका सत्कार करो
यही तो जीवन में रंग भरती हैं |

मरीज़-ए-इश्क़

मरीज़-ए-इश्क़ हूँ तेरा, तेरा दीदार काफी है….
हर एक नुस्खे से बेहतर, निगाह-ए-यार काफी है !