दर्द छुपाना भी एक हुनर है,
वरना नमक तो हर मुठी में है..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दर्द छुपाना भी एक हुनर है,
वरना नमक तो हर मुठी में है..!!
कोई रिश्ता बना के मुतमईन होना नही अच्छा !!
मुहब्बत आखिरी हद तक ताल्लुक आजमाती है!!
कैसे सबूत दूँ तुझे मेरी मोहब्बत का…??
फूलों की महक देखनी हो…..
तो जज़्बात की निग़ाह चाहिये….!!
अगर फुर्सत के लम्हों मे आप मुझे याद करते हो तो अब मत करना..
क्योकि मे तन्हा जरूर हुँ, मगर फिजूल बिल्कुल नही.
दोहरी हुकूमत जताना कोई तुमसे सीखे,
खुद तो बात करेंगे नहीं…….
उस पर मेरा रूठना भी बर्दाश्त नहीं ।।
तेरी चाहत ने अगर मुझको न मारा होता,
मैं ज़माने में किसी से भी न हारा होता…
कहाँ मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई ए-खुदा,
सिसकते हुए शब्दों में बस एक शख्स ही तो मांगा था…!!!
मौत का आलम देख कर तो ज़मीन भी दो गज़ जगह दे देती है…
फिर यह इंसान क्या चीज़ है जो ज़िन्दा रहने पर भी दिल में जगह नहीं देता…
मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए, किस्से
लिखना……….!!
मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी, महफ़िल सजाना सीख
लो…….!!
खुद ही दे जाओगे तो बेहतर है..! वरना हम दिल चुरा भी लेते हैं..!