ये इश्क तो

ये इश्क तो बस एक अफवाह है.. दुनिया में किसको किसकी परवाह है..

रूह तेरे जिस्म में

उठाइये हम अपनी रूह तेरे जिस्म में छोड़ आए फ़राज़ तुझे गले से लगाना तो एक बहाना था

अजीब पैमाना है

अजीब पैमाना है यहाँ शायरी की परख का….. जिसका जितना दर्द बुरा, शायरी उतनी ही अच्छी….

भुला दूंगा तुझे

भुला दूंगा तुझे ज़रा सब्र तो कर.. . तेरी तरह मतलबी बनने में थोड़ा वक़्त तो लगेगा

हाथों की लकीरों से

अपने हाथों की लकीरों से ना निकल मुझे.! बड़ी शिद्दत से मैने तेरी इबादत की है.!!

बरबाद कर देती है

बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने वाले को क्यूकि इश्क़ हार नही मानता और दिल बात नही मानता..!!

इतने चेहरे थे

इतने चेहरे थे उसके चेहरे पर, आईना तंग आ के टूट गया|

मेरी आवारगी में

मेरी आवारगी में कुछ क़सूर अब तुम्हारा भी है, जब तुम्हारी याद आती है तो घर अच्छा नहीं लगता।

अदालत चलती है

कागज पे तो अदालत चलती है, हमें तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर है..!!

आशिक था जो मेरे अन्दर

आशिक था जो मेरे अन्दर वो कई साल पहले मर गया…! अब तो एक शायर है, जो बहकी बहकी बाते करता है..!!

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