ये न पूछ के शिकायतें कितनी है तुझसे
ये बता के तेरा और कोई सितम बाकी तो नहीं …!!!
Category: दर्द शायरी
लाजमी नही है
लाजमी नही है की हर किसी को मौत ही छूकर निकले “”
किसी किसी को छूकर जिंदगी भी निकल जाती है ||
एक तज़ुर्बा है
हर एक लकीर एक तज़ुर्बा है जनाब .. ..
झुर्रियाँ चेहरों पर यूँ ही आया नहीं करती !!
ये मशवरा है
ये मशवरा है की पत्थर बना के रख दिल को।
ये आइना ही रहा तो जरूर टूटेगा।।
मैने खत को देखा
मैने खत को देखा और रख दिया बिना पढे हुए मै…
जानता हु उसमे भुल जाने का मशवरा होगा…
तेरे चले जाने से
तेरे चले जाने से, मुझे ग़ज़लो का हुनर आया,
लिखा पहले भी बहुत,पर असर अब आया..!!
एक था राजा
एक था राजा, एक थी रानी,
दोनों मर गए, खत्म कहानी
कुछ याद आया, सबने भूतकाल में सुना होगा !
अब भविष्य की सुनो
कोख से बेटी, धरती से पानी
दोनों मिट गए, खत्म कहानी………
तेरे होठो को
तेरे होठो को जबसे चखा है,
कच्ची इमली भी मीठी लगती है|
उदास दिल है
उदास दिल है मगर मिलता हूँ हर एक से हँसकर..
यही एक अजब हुनर सीखा है
मैंने बहुत कुछ खो देने के बाद…
बेगुनाह कोई नही
बेगुनाह कोई नही, सबके अपने राज़ होते है…
किसी के छुप जाते है, तो किसी के छप जाते है….