हमें कोई ना पहचान पाया
दोस्तों
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कुछ अंधे थे, कुछ अंधेरों में थे
Category: दर्द शायरी
प्यार है इश्क़ है
प्यार है इश्क़ है,मोहब्बत है, क्या है….
पतंग मेरी कटती है उदास वो हो जाता है…..
कुछ रिश्तों में
कुछ रिश्तों में शक्कर कम थी ….
कुछ अंदर से हम कड़वे थे ।।
यूँ परेशान ना करो..
यूँ परेशान ना करो.. मेरी धड़कनों को छूकर देखो…
ये लड़खड़ा जाती हैं… तुम्हारा ख्याल भर आने से…
जिन्दगीं में किसी का
जिन्दगीं में किसी का साथ काफी हैं,
दूर हो या पास क्या फर्क पड़ता हैं,
अनमोल रिश्तों का तो बस एहसास ही काफी हैं..!!!
बड़ा आदमी वो कहलाता है
बड़ा आदमी वो कहलाता है,
जिससे मिलने के बाद कोई ख़ुद को छोटा न महसूस करे..!!
बड़ी गुस्ताख है
बड़ी गुस्ताख है तेरी यादें, इन्हें तमीज सिखा दो|
दस्तक भी नहीं देती, और दिल में उतर आती हैं|
दिल भी वही है
दिल भी वही है धड़कन भी वही हैं…!!बस सुनने वाले की नीयत बदल गई है…!!
मुझे घमंड था
मुझे घमंड था की मेरे चाहने
वाले बहुत है इस दुनिया में,
बाद में पता चला की सब चाहते है
अपनी ज़रूरत के लिए |
बेहद हदें पार की
बेहद हदें पार
की थी
हमने कभी
किसी के लिए,
आज उसी
ने सिखा दिया
हद में रहना….!!