जा रही हूँ

जा रही हूँ मैं तेरी जिन्दगी से कभी ना फिर लौट के आने को ,
रोक लो अपने एहसासों को जो लिपट रहे मेरे कदमों से संग आने को !

कल रात मैंने

कल रात मैंने अपने सारे ग़म,
कमरे की दीवार पर लिख डाले,
बस फिर हम सोते रहे और दीवारे रोती रही.