ग़मों ने मेरे दामन को यूँ थाम लिया है …
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जेसे उनका भी मेरे शिव कोई नही…!!
Category: दर्द शायरी
कुछ विरान सी
कुछ विरान सी नज़र आती दिल की दिवार..
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सोचता हूँ, तेरी तस्वीर लगा कर देखूँ !
हमने टूटी हुई शाख
हमने टूटी हुई शाख पर अपना दर्द छिड़का है …
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फूल अब भी ना खिले तो, क़यामत होगी ।
माना के मुमकिन नही
माना के मुमकिन नही तेरा, मेरा एक हो जाना..
पर सुना है इस दुनिया में चमत्कार भी बहुत होते है..!!
तुम्हारा दीदार और
तुम्हारा दीदार और वो भी आँखों में आँखें डालकर….!
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उफ्फ्फ्फ्फ़…..
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ये कशिश कलम से बयाँ करना भी मेरे बस की बात
नही….!!
बेवफा कहने से पहले
बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना..
कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़देना….!!
ये इश्क का सौदा
“सस्ता” ना समझ, ये इश्क का सौदा,
तेरी “हँसी” के बदले पूरी “ज़िंदगी” दे रहा
हूँ..!!
ज़िन्दगी बदलने के लिए
ज़िन्दगी बदलने के लिए लड़ना पड़ता है आसान करने के लिए समझना पड़ता है.
बहुत देता है तू उसकी
बहुत देता है तू उसकी गवाहियाँ और उसकी सफाईयाँ,
समझ नहीं आता तू मेरा दिल है या उसका वकील.
अब कौन खरीदेगा
अब कौन खरीदेगा तुम्हारे
ये आसू हीरे के दाम से ,
वो जो दर्द का सौदागर था
अब मोहब्बत छोड दी है उसने !!!!!