पिघल सा जाता हूँ तेरी तस्वीर देख कर
जरा छू कर बता ना कहीं मैं मोम तो नहीं..
Category: दर्द शायरी
कुछ तुम कोरे कोरे से
कुछ तुम कोरे कोरे से, कुछ हम सादे सादे से…
एक आसमां पर जैसे, दो चाँद आधे आधे से….!!!
जो जले थे हमारे लिऐ
जो जले थे हमारे लिऐ, बुझ रहे है वो सारे दिये,
कुछ अंधेरों की थी साजिशें, कुछ उजालों ने धोखे दिये..
ग़लत को हम ग़लत कहते
ग़लत को हम ग़लत कहते इसी कहने की कोशिश में
सियासत ने अंधेरों में हमारी हर ख़ुशी रख दी ।
काश तू सुन पाता
काश तू सुन पाता खामोश सिसकियाँ मेरी,,,
आवाज़ कर के रोना तो मुझे आज भी नहीं आता!
काश तू सुन पाता
काश तू सुन पाता खामोश सिसकियाँ मेरी,,,
आवाज़ कर के रोना तो मुझे आज भी नहीं आता!
तुम्हें भूले पर
तुम्हें भूले पर तेरी यादों को ना भुला पाये;
सारा संसार जीत लिया बस एक तुम से ना हम जीत पाये;
तेरी यादों में ऐसे खो गए हम कि किसी को याद ना कर पाये;
तुमने मुझे किया तनहा इस कदर कि अब तक किसी और के ना हम हो पाये।
कितनी है कातिल ज़िंदगी
कितनी है कातिल ज़िंदगी की ये आरज़ू,
मर जाते हैं किसी पे लोग जीने के लिये।
एक ही चौखट पे
एक ही चौखट पे सर झुके तो सुकून मिलता है
भटक जाते है वो लोग जिनके हजारों खुदा होते है।
ये भी क्या सवाल हुआ
ये भी क्या सवाल हुआ कि इश्क़ कितना चाहिए,
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दिल तो बच्चे की तरह है मुझे थोड़ा नहीं सब चाहिए !!