इश्क़ में वफादारी की

है क्या बिसात आखिर इश्क़ में वफादारी की, जो कल था वो आज है ,मगर कल नहीं होता।

एक काम करते हैं

चलो एक काम करते हैं नफ़रत को बदनाम करते हैं |

दावे वो कर रहे थे

दावे वो कर रहे थे हमसे बड़े बड़े छोटी सी इल्तिजा की अँगूठा दिखा दिया..

बैठा सोच रहा हूँ

कब से बैठा सोच रहा हूँ ये कैसी खुदाई है मैंने अपनी सेल्फ़ी ली,तस्वीर तुम्हारी आई है।

दिल बेज़ुबाँ है

दिल बेज़ुबाँ है शायद इसका यही गुनाह है |

तुम रख ही ना सकीं

तुम रख ही ना सकीं मेरा तोफहा सम्भालकर मैंने दी थी तुम्हे,जिस्म से रूह निकालकर |

तुमने पढ़ा होगा

तुमने पढ़ा होगा ग़ालिब, फ़राज़ , मीर को हमने तो बस पढ़ा है खुद की तक़दीर को

मुझ से गिले हैं

मुझ से गिले हैं .. मुझ पे भरोसा नहीं उसे … ये सोच कर मैंने भी तो … रोका नहीं उसे …. !!

जिंदगी का सच

जिंदगी का सच बस इतना ही है ……. कुछ उलझनें कब्र तक साथ जाती हैं|

अरमाँ न रखना कोई

दिल में अरमाँ न रखना कोई, मुझको जी भर के तड़पाइये क्या ख़बर है कि कल आपको मुझसा पागल मिले न मिले |

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