मैने अपने साये को भी मार डाला है मेरी तन्हाई अब मुक्कमल है।
Category: दर्द शायरी
राख बेशक हूँ
राख बेशक हूँ पर मुझमे हरकत है अभी भी,
जिसको जलने की तमन्ना हो हवा दे मुझको..
अधूरी हसरतों का
अधूरी हसरतों का आज भी इलज़ाम है तुम पर,अगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत ख़त्म ना होती…
दुख फ़साना नहीं
दुख फ़साना नहीं के तुझसे कहें
दिल भी माना नहीं के तुझसे कहें
आज तक अपनी बेकली का सबब
ख़ुद भी जाना नहीं के तुझसे कहें
अगर परछाईंया कद से
अगर परछाईंया कद से और बातें औकात से ज्यादा होने…तो समझ
लीजिये कि सूरज डूबने वाला है….
ख़ुशी तकदीरो में
ख़ुशी तकदीरो में होनी चाहिए, तस्वीरो में तो हर कोई खुश नज़र आता है ..
हमें रोता देखकर
हमें रोता देखकर वो ये कह के चल दिए कि,
रोता तो हर कोई है क्या हम सब के हो जाएँ|
जिंदगी में कभी
जिंदगी में कभी बिछड़ना पड़े तो मेरी साँसें भी ले जाना,
तुम्हारे बाद ये मेरे किसी काम की नहीं|
हमारी लिखी बात को
हमारी लिखी बात को कोई समझ नहीं पाता …….
क्यों की हम अहसास लिखते है लोग अलफ़ाज़ पढते हैं|
कोई तालिम नहीं
कोई तालिम नहीं सीखी हमने, इस दुनियां से..।
हम आज भी सच बोलते हैं, मासूम बच्चों की तरह..।।