जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं

जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं अपना शहर छोड़ने को,
वरना कौन अपनी गली मे
जीना नहीं चाहता…..
हसरतें आज भी खत लिखती हैं मुझे,
पर मैं अब पुराने पते पर नहीं रहता ।।

देखा आज मैने रास्ते पर

देखा आज मैने
रास्ते पर बिखरा हुआ
सुख जो दौलत का था
दुख जो औरत का था

रास्ते पर खड़ी हुई
सोचती ये रह गई
किस कदर गिर गया
इंसान जो कुदरत का था

शरीर की शुगर

इंसान अपने शरीर की शुगर…
तो चेक करवाता रहता है…

अगर ज़ुबान की कड़वाहट को चेक कराये..
तो सारी समस्या खतम !!! ?

कमी नहीं हैं

सुनने की आदत डालो क्योंकि
ताने मारने वालों की कमी नहीं हैं।

मुस्कराने की आदत डालो क्योंकि
रुलाने वालों की कमी नहीं हैं

ऊपर उठने की आदतडालो क्योंकि
टांग खींचने वालों की कमी नहीं है…

प्रोत्साहित करने की आदत डालो क्योंकि
हतोत्साहित करने वालों की कमी नहीं है —- !!