ऐ खुदा इश्क़ में दोनों को मुकम्मल कर दे
उसे दीवाना बना दे….. मुझे पागल कर दे
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ऐ खुदा इश्क़ में दोनों को मुकम्मल कर दे
उसे दीवाना बना दे….. मुझे पागल कर दे
जिदंगी में कभी किसी बुरे दिन से रूबरू हो जाओ,
तो इतना हौंसला जरुर रखना की दिन बुरा था जिंदगी नहीं…!!!
चाँद का मिजाज़ भी तेरे जैसा है..
जब देखने की तमन्ना हो, नज़र नहीं आता..
कहाँ मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई ए-खुदा..
सिसकते हुए शब्दों में बस एक शख्स ही तो मांगा था..!
ज़िंदगी में बस दो गलतियां कर दी..
खुशियाँ नशे के नाम,
और उदासी होश के नाम कर दी।
झूठ बोलते है वो लोग जो
कहते हैं, हम सब मिटटी से
बने हैं…!!
मैं एक शख्स से वाकिफ हूँ, जो पत्थर का बना हैं….!!
कोई ज़हर कहता है कोई
शहद कहता है….
दोस्त,
कोई समझ नही पाया ज़ायका मोहब्बत का ।
मांगो तो अपने रब से मांगो ,
जो दे तो रहमत और न दे तो किस्मत ,
लेकिन दुनिया से हरगिज मत मांगना ,
क्योंकि दे तो एहसान और न दे तो शर्मिंदगी ..
मौका दीजिये अपने खून को किसी की रगों में बहने का..
ये लाजवाब तरीका है कई जिस्मों में ज़िंदा रहने का.!!
एक नफरत ही हैं जिसे,
दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं.
वरना चाहत का यकीन दिलाने में,
तो जिन्दगी बीत जाती हैं..