ना हिंदू बुरा है,
ना मुसलमान बुरा है,
ना गीता बुरी है,
ना कुरान बुरा है,
ना खुदा बुरा है,
ना भगवान बुरा है,
नफ़रत फैलाने वाला,
हर शैतान बुरा है..!!
Category: जिंदगी शायरी
अपनी कोशिश को
सफलता कभी भी ‘पक्की’ नहीं होती,
तथा असफलता कभी भी ‘अंतिम’ नहीं होती !!
इस लिए अपनी कोशिश को,
तब तक जारी रखो,
जबतक आपकी ‘ जीत ‘,
एक ‘इतिहास’ ना बन जाये!!
तेरे बिना ये
तेरे बिना ये जिन्दगी कितनी अँधूरी हैँ,
तेरे पास ना होने कि क्या मजबूरी हैँ,
अगर तू कहेतो ये जिन्दगी गमोमे गुजार दू,
सिर्फ तेरी आवाज सुननेकी चाहत अँधूरी हैँl
कुछ इस तरह
कुछ इस तरह से हमने पूरी क़िताब पढ़ ली….
ख़ामोश बैठी रही ज़िंदगी…चाहतों ने पन्ने पलट दिए….
बातों को स्वीकार
हे भगवान,
मुझे उन बातों को स्वीकार करने का धैर्य प्रदान करो जिन्हें मैं बदल नहीं सकता हूं;
जिन चीजों को मैं बदल सकता हूं उनको बदलने का साहस दो
तथा इन दोनों में अंतर करने के लिए बुद्धि प्रदान करो।
वो शख्स भी
वो शख्स भी क्या अदब से डूबा,
दरिया सामने था और तलब से डूबा….
यू गलत भी
यू गलत भी नहीं होती ,चेहरे की तासीर साहिब
लोग बैसे भी नहीं होते,जैसे नजर आते है
बरसों से खामोश हूं.
लोग कहते हैं कि समझो तो..खामोशियां भी बोलती हैं..!
मै बरसों से खामोश हूं..और वो बरसों से बेखबर है..!!
सब सो गये
सब सो गये अपने हाले दिल बयां करके
अफसोस की मेरा कोई नहीं जो
मुझसे कहे तुम क्यों जाग रहे हो..
आओ एक मुलाकात
बहुत खामिया निकालने लगे हो आजकल मुझमे,
..
आओ एक मुलाकात “आईने” से जरा तुम भी कर लो..।।