वो आये या ना आये,
उसकी मर्ज़ी है दोस्त,
उन राहों को मगर आज़ सज़ा कर देखते हैं.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वो आये या ना आये,
उसकी मर्ज़ी है दोस्त,
उन राहों को मगर आज़ सज़ा कर देखते हैं.
जितने भी जख्म थे सबको सहलाने आये है,
वो माशुक खंजर के सहारे मरहम लगाने आये हैं………..
Khoye Huwe Ansuo Se Mohbat Mujhe bhi Hai,
Teri Tarah Zindgi Se Sikayat Mujhe bhi Hai,
Tu Agr Nazuk Hai to Pathar Main Bhi Nahi,
Tanhai Me Rone Ki Aadat Mujhe bhi Hai.
मुझे देख के न मुस्कुरा
ज़रा मुस्कुरा के देख ले
अच्छी किताबें
और सच्चे लोग
तुरंत समझ में नहीं आते
मैदान मोहल्ले का,
जाने कब से खाली खाली सा है
कोई मोबाइल शायद
बच्चों की गेंद चुराकर ले गया
ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते..
लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं जो पूरी उम्र
याद रहता हैं
लेकिन दोस्ती कीमती है,
केवल मुश्किल में नहीं ,
बल्कि जीवन के सुखद क्षणों में भी,
और धन्यवाद है उस उदार व्यवस्था को कि जीवन का बड़ा हिस्सा सुखद होता है.
दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है!
दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है!
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ!
वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है!
Lamho ki ek kitaab hain zindagi,
Saanso aur khyalo ka hissab hai zindagi
Kuch jarurate puri kuch khwaishe aduri
Bas inhi sawalon ka jawab hain zindagi.