किसी ने पूछा कौन याद आता है अक्सर तन्हाई में.
हमने कहा कुछ पुराने रास्ते खुलती ज़ुल्फे और बस दो आँखें….!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
किसी ने पूछा कौन याद आता है अक्सर तन्हाई में.
हमने कहा कुछ पुराने रास्ते खुलती ज़ुल्फे और बस दो आँखें….!!
अपनी जमीन, अपना नया आसमान खुद पैदा करुगा
मांगने से ऐसी ज़िंदगी कब मिलती है
खुद ही अपना नया इतिहास पैदा कर…
लगे है जैसे खूबसूरत
शमा पर -ज़ोर है ,
ढूंढा तोह पाया आपकी है ये मिठास
जो
आज के दिन एक चॉकलेट की तरह …
मीठी और छायी हर
और है ..
चॉकलेट का मीठा दिन मुबारक हो
अगर मरने के
बाद भी जीना चाहो तो एक काम जरूर
करना……
पढने लायक कुछ
लिख जाना या लिखने लायक कुछ कर जाना…
चलो माना की हमें
प्यार का इजहार करना नहीं आता,
जज़्बात ना समझ सको इतने
नादान तो तुम भी नहीं.
तुमने भी हमें बस एक दिये की तरह समझा था,
रात गहरी हुई तो जला दिया सुबह हुई तो बुझा दिया..
दिखावे की मोहब्बत तो जमाने को हैं हमसे
पर,
.
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ये दिल,
.
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तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर
होगी
उठा के एडियाँ चलने से कद नही बढता ..
मेरे रकीब से कह दो की अपनी हद में रहे…
सास रुक रुक कर आ रही हे मेरी, कुछ बात होने वाली हे,
या बहुत दूर जा चूका हे कोई,
या मुलाकात होने वाली हे….
मर जाए तो बढ़ जाती है इंसान की कीमत ..
जिंदा रहे तो जीने की सजा देती है दुनिया.