जिस नजाकत से…
ये लहरें मेरे पैरों को छूती हैं..
यकीन नहीं होता…
इन्होने कभी कश्तियाँ डुबोई होंगी…
Category: जिंदगी शायरी
नशे में चूर होगी
नशे में चूर होगी तू किसी ग़ैर की बांहों में,
दबाकर लकड़ियों में जब मुझे दुनिया जलायेगी
उस मोड़ से
उस मोड़ से शुरु करे आ फिर से जिंदगी..
हर शह जहां हसीन थी..और हम तुम अजनबी..
ये सगंदिलो की दुनिया है
ये सगंदिलो की दुनिया है,संभलकर चलना गालिब, यहाँ पलकों पर बिठाते है, नजरों से गिराने के लिए…
जिन्हे आना है
जिन्हे आना है वो खुद लौट आयेंगे तेरे पास ए दोस्त,बुलाने पर तो परिंदे भी गुरुर करते है अपनी उड़ान पर !!
मैंने कब तुझसे
मैंने कब तुझसे तेरे जाने की वजह पूछी है,पर मुझे छोड़ने से पहले कोई इलज़ाम तो लगा !!
हसरतें जिद्दी औलाद सी
हसरतें जिद्दी औलाद सी होती है…
और जिंदगी मजबूर माँ सी..!
मैं तेरा कुछ भी नहीं हूँ..
मैं तेरा कुछ भी नहीं हूँ.. मगर इतना तो बता…
देखकर मुझको… तेरे ज़हन में आता है क्या….
अब वहां यादों का
अब वहां यादों का बिखरा हुआ मलवा ही तो है..
जिस जगह इश्क ने बुनियादे-मका रखी थी..
आँधियों जाओ अब करो
आँधियों जाओ अब करो आराम,
हम खुद अपना दिया बुझा बैठे