शौक से तोड़ो दिल मेरा मुझे क्या परवाह,
तुम ही तो रहते हो इसमे, अपना ही घर ऊजाड़ोगे”.
Category: गुस्ताखियां शायरी
कभी तो सोच
कभी तो सोच कि वो श़ख्स कितना था बुलंद,
जो बिछ गया तेरे कदमों मे आसमान की तरह…
काँटों में गुलाब
ये दुनियाँ ठीक वैसी है जैसी आप इसे देखना पसन्द करते हैं।
यहाँ पर किसी को गुलाबों में काँटे नजर आते हैं तो किसी को काँटों में गुलाब !!
चाँद का मिजाज़
चाँद का मिजाज़ भी तेरे जैसा है..
जब देखने की तमन्ना हो, नज़र नहीं आता..
जिंदगी के बारे में
क्या लिखूँ ,अपनी जिंदगी के बारे में दोस्तों..!!
वो लोग ही बिछड़ गए,,’जो जिंदगी हुआ करते थे..!!
दुआओं में वो
अब कहां दुआओं में वो बरकते.., वो नसीहतें.., वो हिदायतें..
अब तो बस ज़रूरतों का जुलूस है और
मतलबों के सलाम..!
लाजवाब तरीका है
मौका दीजिये अपने खून को किसी की रगों में बहने का..
ये लाजवाब तरीका है कई जिस्मों में ज़िंदा रहने का.!!
अपना इश्क़ बना कर
हमारे अलावा किसी और को अपना इश्क़ बना कर देख लो…
आपकी हर धड़कन कहेगी उनकी वफ़ा मे कुछ और बात थी…!!
थाम लु हाथ
मैं ही थाम लु ही थाम लु हाथ उनका बस इतनी इबादत देदो
वो न रह सके एक पल भी मेरे सिवा
खुदा तु उनको ये मेरी आदत दे दो
झूठ बोलते है
झूठ बोलते है वो लोग जो कहते हैं, हम सब मिटटी से
बने हैं…!!
मैं एक शख्स से वाकिफ हूँ, जो पत्थर का बना हैं….!!