अहद-ए-वफा

अहद-ए-वफा निभा कर भी हम हो गये रुसवा..

वो जालिम अपनी जफाओं पर पशेमां तक ना हुआ..

नया पाने की चाहत में

नया पाने की चाहत में पुराना छूट जाता है
तुझे अपनाऊ तो मुझसे जमाना रूठ जाता है
मुहब्बत लिखने पढ़ने में बहुत आसान दिखती है
मुहब्बत को निभाने में पसीना छूट जाता है|

ख्वाबों का रंगीन होना

ख्वाबों का रंगीन होना गुनाह है..
इंसान का जहीन होना गुनाह है..
कायरता समझते हैं लोग मधुरता को..
जुबान का शालीन होना गुनाह है..
खुद की ही लग जाती है नजर..
हसरतों का हसीन होना गुनाह है..
दुश्मनी हो जाती है मुफ्त में सैंकड़ों से..
इंसान का बेहतरीन होना गुनाह है………

दिल पे क्या गुज़री

दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने,
प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने;

हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का;
कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने……

कर लेता हूँ

कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ!
की खुदा नूर भी बरसाता है, आज़माइशों के बाद !!