इस देश में

अगर इस देश में ही देश के दुश्मन नहीं होते
लुटेरा ले के बाहर से कभी लश्कर नहीं आता

झूठ बोलते हो

जाने कितने झूले थे फाँसी पर, कितनो ने गोली खायी

थी
क्यों झूठ बोलते हो साहब , की चरखे से आजादी आई थी

हक मिलता नही

हक मिलता नही लिया जाता है ,

आज़ादी मिलती नही छिनी जाती है ,

नमन उन देश प्रेमियों को जो

देश की आज़ादी की जंग के लिये जाने जाते है .

करोडो में नीलाम

करोडो में नीलाम होते है यहाँ, एक नेता के
उतारे हुए सूट ।
वही कचरे में फेक देते है, ‘शहीदों की वर्दी और
बूट’ ।

जब तक तुम्हारे हाथ

सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ

में रहे.,.
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे.,,

साखों से टूट जाये वो पत्ते नहीं हैं हम.,,
आंधी से

कोई कह दे के औकात में रहे.,.,!!!

अमन की आस लिए

अमन की आस लिए कुछ फनकार उसपार से इसपार आना चाहते थे

पर कुछ जालिम हे जो
अमन को आतंक समज ते थे