गहन शौध मे

गहन शौध मे पाया गया हे कि
”अकड़”
शब्द में कोई मात्रा नहीं है,
पर ये अलग अलग मात्रा में हर इंसान में ही मौजूद है..!!!

जब तक तुम्हारे हाथ

सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ

में रहे.,.
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे.,,

साखों से टूट जाये वो पत्ते नहीं हैं हम.,,
आंधी से

कोई कह दे के औकात में रहे.,.,!!!

अमन की आस लिए

अमन की आस लिए कुछ फनकार उसपार से इसपार आना चाहते थे

पर कुछ जालिम हे जो
अमन को आतंक समज ते थे

कितने कमज़ोर है

कितने कमज़ोर है यह गुब्बारे, चंद सासों में फूल जाते है,
बस ज़रा सी बुलंदिया पाकर, अपनी औकात भूल जाते है…