हाथ पकड़ कर

हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर,तुझपर
ज़रा भी ज़ोर होता मेरा,
ना रोते हम यूँ तेरे लिये, अगर हमारी
ज़िन्दगी में तेरे सिवा कोई ओर होता !

कुछ तो असर था

कुछ तो असर था उसकी मुस्कराहट
मे तभी तो..!!

आज भी ये दिल दुनिया कि भिड़ मे
उसे ही ढूंढता है..!!