देखी जो नब्ज मेरी, हँस कर बोला वो हकीम,
जा जमा ले महफिल पुराने दोस्तों के साथ,
तेरे हर मर्ज की दवा वही है …
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
देखी जो नब्ज मेरी, हँस कर बोला वो हकीम,
जा जमा ले महफिल पुराने दोस्तों के साथ,
तेरे हर मर्ज की दवा वही है …
रोटियों का स्वाद कुछ ‘बेहतर’ लगा..
आज खेतों में एक किसान को ‘मेहनत’ करते देखा था..!!
फासला और फैसला बड़ा एहमियत
रखते है जिंदगी में!
एक ज्यादा दूसरा गलत हर रिश्ता
तोड़ देता है!!
आसमां में मत दूंढ अपने सपनो को,
सपनो के लिए तो ज़मी जरूरी है,
सब कुछ मिल जाए तो जीने का क्या मज़ा,
जीने के लिये एक कमी भी जरूरी है
फैसला जो कुछ भी हो मंजूर होना चाहिए
ज़ंग हो या इश्क़ भरपूर होना चाहिए
कारवां – ए – जिदंगी हसरतों के सिवा कुछ भी नही ,
ये किया नही , वो हुआ नही , ये मिला नही, वो रहा नही
बेशक तेरे कॉल की कोई उम्मीद तो नहीं लेकिन..
पता नहीं क्या सोच कर मैं आज भी नम्बर नहीं बदलता…!!
तोङ दिए मैने अपने घर के सारे आइने आज…..
.
प्यार मेँ ठुकराए लोग मुझसे देखे नहीँ जाते…..
जिंदगी का सफर कुछ यू तय हुआ…
की समझ नहीं आता की जिंदगी थी या मुट्ठी में भरी रेत…
आज हम अकेले है तेरे बगैर
दिल बे – करार है आज तेरे बगैर
वक्त नहीं रुकता कभी किसी के लिए
पर धड़कने रुक जायेगी आज तेरे बगैर …