अभी सूरज नही डुबा जरा सी शाम होने दो
मैँ खुद लौट जाऊँगा मुझे नाकाम तो होने दो
मुझे बदनाम करने का बहाना ढुँढता है जमाना
मैँ खुद हो जाऊँगा बदनाम पहले नाम तो होने दो
Author: pyarishayri
मत सोच इतना
मत सोच इतना….
जिन्दगी के बारे में ,
जिसने जिन्दगी दी है…
उसने भी तो कुछ सोचा होगा…!!!
सस्ता सा कोई इलाज़ बता दो इस मोह्ब्बत का
सस्ता सा कोई इलाज़ बता दो इस मोह्ब्बत का ..!
“एक गरीब इश्क़ कर बैठा है इस महंगाई के दौर मैं”
धनवान वह नहीं
धनवान वह नहीं, जिसकी तिजोरी नोटों से भरी हो ॥
धनवान तो वो हैं जिसकी तिजोरी रिश्तों से भरी हो ॥
कर्मो से ही पहेचान होती है इंसानो की
कर्मो से ही पहेचान होती है इंसानो की…
महेंगे ‘कपडे’ तो,’पुतले’ भी पहनते है दुकानों में !!..
ભુલાઇ ગયું
? ભુલાઇ ગયું ?
ઘરમાં ટી વી આવ્યું,
હું વાંચન ભુલ્યો.
બારણે ગાડી આવી,
હું ચાલવાનું ભુલ્યો.
હાથમાં મોબાઇલ આવ્યો,
હું પત્રલેખન ભુલ્યો.
કેલક્યુલેટર વપરાશથી,
ઘડીયા બોલવાનું ભુલ્યો.
એ સી ના સંગતથી,
ઝાડ નીચેની ઠંડી હવા ભુલ્યો.
શહેરમાં રહેવાથી,
માટીની વાસ ભુલ્યો.
બેંકના ખાતા સંભાળતા સંભાળતા,
પૈસાની કિંમત ભુલ્યો.
અભદ્ર ચિત્રો થકી,
સૌંદ્રય જોવાનું ભુલ્યો.
કૃત્રિમ સેંટના વાસ થકી,
ફુલોની સુગંધ ભુલ્યો.
ફાસ્ટ ફૂડના જમાનામાં,
સંતોષનો ઓડકાર ભુલ્યો.
સ્વાથીઁ સંબધો રાખવાથી,
સાચો પ્રેમ કરવાનું ભુલ્યો.
ક્ષણીક સુખના લોભમાં
સત્કમઁનો આનંદ ભુલ્યો.
સતત દોડતા રહેવાના જીવનમાં,
ક્ષણભરનો વિસામો ભુલ્યો.
ભુલાઇ ગયું ભુલાઇ ગયું …
जिंदगी समझ बैठे
जो मिलते हैं वो बिछड़ते भी हैं साहिब,
हम नादान थे … एक शाम की मुलाकात को ..
जिंदगी समझ बैठे ..
किसको बताएं कब से हम ज़िन्दगी के राही
किसको बताएं कब से हम ज़िन्दगी के राही
फूलों की आरज़ू में काँटों पे चल रहे हैं
मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती
मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती,
अपना वजूद भूलाना पडता है,किसी को अपना बनाने के लिए.
इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए
कभी इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए जमाने की,
हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती….!!!