बचपन में मेरे दोस्तों के पास घड़ी नही थी,
लेकिन समय सबके पास था।
आज सबके पास घड़ी है पर समय नहीं।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बचपन में मेरे दोस्तों के पास घड़ी नही थी,
लेकिन समय सबके पास था।
आज सबके पास घड़ी है पर समय नहीं।
तेरी मौहब्बत से ले कर तेरे अलविदा कहने तक,
मैंने सिर्फ तुझे चाहा,
तुझ से कुछ नहीं चाहा |
Bahut kuch sikha jati h zindagi,
Hasa ke rula jati hain zindagi,
Jee sako jitna utna jee lo dosto,
Kyuki bahut kuch baki rah jata h
Aur khatm ho jati hain zindagi…
नाराजगी नींदों की…..
कशमकश ख्यालों की….
देख ज़िन्दगी इस तरह ना रुला मुझे,
मै खफा हुआ तो छोड़ दूँगा तुझे भी…!!!
हैरान कर दिया उसने आँसुओं की वजह पूछ कर,
जो शक़्स कभी मुझको मुझसे ज़्यादा जानता था…!!!
काश तुझ पर भी लागू होती आर.टी.आई,
ऐ जिन्दगी….तुझसे बहुत से जवाब चाहिए…!!!
कितनी मासूम सी है तमन्ना आज मेरी ,
कि नाम अपना तेरी आवाज़ से सुनूँ…..!!
अपनी खुशियों की चाबी किसी को न देना,
दाेस्त
लोग अक्सर दूसरों का सामान खो देते हैं..!!
बेरंग लिफाफों में लिपटे खत,खतों में लेखक के हिस्से हैं,
फाड़ कर फेंक देना इन्हें ये इश्क़ के झूठे किस्से हैं…!!!