हाथ काँप गए, दिल से उसका अक्स मिटाते,
कभी कभी जीने के लिए क्या क्या करना पड़ता है..
Author: pyarishayri
तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में
तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में,
बस कोई अपना नजऱ अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता |
जरा सी जगह छोड देना अपनी नींदों में
जरा सी जगह छोड देना अपनी नींदों में,
क्योकि….आज रात तेरे ख्वांबों मे हमारा बसेरा होगा…!!!
गजब है उनका हंस कर नज़रे झुका लेना
गजब है उनका हंस कर नज़रे झुका लेना,
पुछो तो कहते है….कुछ नही बस युँ ही…!!!
देखकर किसी का दर्द जो आह
देखकर किसी का दर्द जो आह. . निकल जाती हैँ……
बस इतनी सी बात आदमी को इन्सान बनाती हैँ
ना गम है तू
ना गम है तू…. ना खुशी है तू…,,,
मेरी उम्र भर की बस एक कमी है तू….!!!!!
आत्मा नाम ही रखती है
आत्मा नाम ही रखती है न मज़हब कोई
वो तो मरती भी नहीं सिर्फ़ मकाँ छोड़ती है
बेटियों का बाप भी कितना मजबूर होता है
बेटियों का बाप भी कितना मजबूर होता है,
शहर के आवारा गिद्धों का कुछ बिगाड नही सकता….
उसे अपने परियों के पंख ही कुतरने पड़ते है…!!!
बेवफा लोगो को हम से बेहतर कौन जानेगा
बेवफा लोगो को हम से बेहतर कौन जानेगा..!
हम तो वो दीवाने हैं जिन्हे किसी की नफरत से भी प्यार था..!!
छोङ दिया उसे उसकी खुशियों की खातिर
छोङ दिया उसे उसकी खुशियों की खातिर….
वरना अपनी बदनसीबी उसे भी ले डूबती…