तन्हाई मैं मुस्कुराना भी इश्क़ है, इस बात को सब से छुपाना भी इश्क़ है, यूँ तो रातों को नींद नही आती, पर रातों को सो कर भी जाग जाना इश्क़ है।
Author: pyarishayri
तू अपने ग़रीब होने का
तू अपने ग़रीब होने का दावा न कर, ऐ दोस्त,
हमने देखा है तुझे बाज़ार में “तुवर की दाल” खरीदते हुए…
ख़ामोशी से भी
ख़ामोशी से भी नेक काम होते हैं…
मैंने देखा है पेड़ों को छाँव देते हुए…
मैं फिर से
मैं फिर से, ठीक तेरे जैसे की तलाश में हूँ….
गलती कर रहा हूँ…लेकिन होशो हवास में हूँ …!!!
बहुत अजीब हैं
बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की,
कोई किसी को टूट कर चाहता है,
और कोई किसी को चाह कर टूट
जाता है।
अलफ़ाज़ तो बहुत हैं
अलफ़ाज़ तो बहुत हैं,मोहब्बत बयान करने के लिए।
पर जो खामोशी नहीं समझ सके, वो अलफ़ाज़ कया समझेंगे !!
सरे बाज़ार तो ना कहो
ये दिल बुरा ही सही…पर सरे बाज़ार तो ना कहो…,
आखिर तुमने भी इस मकान में कुछ दिन गुजारे हैं……
तुम मेरे हालचाल
ये जो तुम मेरे हालचाल पूछते हो…
बड़ा ही मुश्किल सवाल पूछते हो…
तुम लिखते रहे मेरे आसुओ से गजल
तुम लिखते रहे मेरे आसुओ से गजल…
अफसोस…
तुम ने इतना भी ना पुछा की रोते क्यु हो..
कहीं तो वो लिखती होगी
कहीं तो वो लिखती होगी अपनी दिल की छुपी हुई बातें,
कहीं तो बे- शुमार लफ्जों मे मेरा नाम भी होगा……