“यादों की कसक…साँसों
की थकन…आँखों में नमी है…,
ज़िन्दगी…तुझमे सब कुछ है बस…“उसकी” कमी है…!”
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
“यादों की कसक…साँसों
की थकन…आँखों में नमी है…,
ज़िन्दगी…तुझमे सब कुछ है बस…“उसकी” कमी है…!”
कब तक लब्जो की कारीगरी करता रहूँ
समझ जाओ ना में तुमसे प्यार करता हूँ
जख्म है कि दिखते
…….. नही ,
मगर ये मत समझिए
कि दुखते नही…..!!
सौ बार खत निकालकर देखा है जेब से…;
हम जो समझ रहे हैं वो उसने लिखा ही नहीं
आसमाँ की ऊंचाई नापना छोड़ दे
ए दोस्त….
ज़मीं की गहराई बढ़ा…
अभी और नीचे गिरेंगे लोग
संग ए मरमर से तराशा खुदा ने तेरे बदन को,
बाकी जो पत्थर बचा उससे तेरा दिल बना दिया
इज़हार-ए-याद करुँ या पूछूँ हाल-ए-दिल उनका,
ऐ दिल कुछ तो बहाना बता उनसे बात करने का
तुझसे बिछडकर ना देखा गया मिलाप किसी का,
तट पर बैठे सभी परिंदें उडा़ दिए हमने।
दिल
❤
बेजुबान है तो क्या …..?
तुम यूँ ही तोड़ते
?
रहोगे ……?
दोनों आखों मे अश्क दिया करते हैं
हम अपनी नींद तेरे नाम किया करते है
जब भी पलक झपके तुम्हारी समझ लेना
हम तुम्हे याद किया करते हैं