by pyarishayri - Shayari, जिंदगी शायरी, पारिवारिक शायरी, प्रेणास्पद शायरी, हिंदी शायरी - November 18, 2015 चलनें दो ज़रा आँधियाँ चलनें दो ज़रा आँधियाँ हकीकत की… न जाने कौन से झोंकें में अपनों के मुखौटे उड़ जाए…