जो दिल के दर्द को भुलाने को दारु पीता है, वो चखना नहीं खाता
चखना तो कमीने दीलासा देने वाले साफ कर जाते है|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जो दिल के दर्द को भुलाने को दारु पीता है, वो चखना नहीं खाता
चखना तो कमीने दीलासा देने वाले साफ कर जाते है|