समाए हो नजरों में तुम और ये दिल भी मदहोश है ,
अपने एहसासों को लिखूं कैसे मेरी कलम खामोश है !
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
समाए हो नजरों में तुम और ये दिल भी मदहोश है ,
अपने एहसासों को लिखूं कैसे मेरी कलम खामोश है !