by pyarishayri - Facebook Status, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, व्यंग्य शायरी - January 1, 2016 लिखूं ये मुमकिन नहीं रोज़ रोज़ रात को लिखूं ये मुमकिन नहीं…. कहकर… मेरी कलम सो गयी है रज़ाई में।