by pyarishayri - Heart Touching Shayri, Hindi Shayri, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, दोस्ती शायरी, प्यार शायरी - December 17, 2015 इन्सानियत की रौशनी इन्सानियत की रौशनी गुम हो गई कहाँ… साये हैं आदमी के मगर आदमी कहाँ..