by pyarishayri - Facebook Status, Sad Shayri, Shayari, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, गरीबी शायरी, गरूर शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - January 2, 2017 एक रोज तय है एक रोज तय है खुद तब्दील ‘राख’ में होना… उम्रभर फिर क्यों औरों से, आदमी जलता है…!