by pyarishayri - Hindi Shayri, Sad Bewafa Shayri, Whatsapp, कविता, कहानी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य, हिंदी शायरी - December 5, 2015 तुम्हारे लिए बस दुआ ही तुम्हारे लिए बस दुआ ही निकली थी इन लबों से, सोचो जो बदुआ आई, कुछ तो बात रही होगी।