इतना संस्कारिक कलयुग आ गया है कि
लड़की कि विदाई के वक्त..
माँ बाप से ज्यादा तो मोहल्ले के लड़के रो देते है
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
इतना संस्कारिक कलयुग आ गया है कि
लड़की कि विदाई के वक्त..
माँ बाप से ज्यादा तो मोहल्ले के लड़के रो देते है