by pyarishayri - गज़ल, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, हिंदी शायरी - December 1, 2015 कोई वहम ही था जो कोई वहम ही था जो इस गली में मुड़ आये वरना पिछले मोड़ पे एक रास्ता और भी था ..