by pyarishayri - गज़ल, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, हिंदी शायरी - December 1, 2015 अखबार के साथ दबे अखबार के साथ दबे पांव चली आती थीं, टीवी ने खबरों को शोर मचाना सिखा दिया..!!