by pyarishayri - जिंदगी शायरी, पारिवारिक शायरी, प्रेणास्पद शायरी, हिंदी शायरी - July 7, 2015 बस यही दो मसले बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!! ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!