by pyarishayri - गरूर शायरी, हिंदी शायरी - June 23, 2015 गरूर तो मुझमे भी था कही ज्यादा गरूर तो मुझमे भी था कही ज्यादा।। मगर सब टुट गया तेरे रूठने के बाद।।