by pyarishayri - जिंदगी शायरी, पारिवारिक शायरी, प्रेणास्पद शायरी, हिंदी शायरी - July 5, 2015 आत्मा नाम ही रखती है आत्मा नाम ही रखती है न मज़हब कोई वो तो मरती भी नहीं सिर्फ़ मकाँ छोड़ती है