झट से बदल दूं इतनी न हैसियत, न आदत है मेरी…!! लोग हों या लिबास…मैं बरसों चलाता हूँ…!!

झट से बदल दूं इतनी न हैसियत
झट से बदल दूं इतनी न हैसियत

झट से बदल दूं इतनी न हैसियत, न #आदत है मेरी…!!
लोग हों या लिबास…मैं बरसों चलाता हूँ…!!
#PyariShayri #प्यारीशायरी #36

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